देश भर में एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए त्योहारों से पहले राहत की बड़ी खबर सामने आ रही है। अक्टूबर के मध्य में रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी की संभावना जताई जा रही है। महंगाई के दौर में यह बदलाव करोड़ों परिवारों के मासिक खर्च में राहत दे सकता है। भारत में फिलहाल 32 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता एलपीजी का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जुड़े परिवारों की है। मौजूदा समय में सिलेंडर की कीमत 800 से 900 रुपये के बीच है, जो आम परिवारों के बजट पर भारी असर डालती है।
वैश्विक बाजार में स्थिरता से कम हो सकती है कीमत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और रुपये की स्थिति में सुधार के चलते गैस दरों में कमी की उम्मीद है। तेल विपणन कंपनियां हर महीने की शुरुआत में कीमतों की समीक्षा करती हैं और जरूरत पड़ने पर बदलाव करती हैं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में सिलेंडर के दाम 70 से 80 रुपये तक घट सकते हैं। यह बदलाव उन परिवारों के लिए खास राहत लेकर आ सकता है जो पूरी तरह एलपीजी पर निर्भर हैं।
देश के अलग-अलग शहरों में मौजूदा रेट
भारत के विभिन्न राज्यों में एलपीजी सिलेंडर के दामों में अंतर है। दिल्ली में 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडर की कीमत लगभग 828 रुपये है। वहीं बिहार और झारखंड के कुछ शहरों में यह दर 878 रुपये तक पहुंच गई है। मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में सिलेंडर की कीमत 850 से 870 रुपये के बीच है। दरों में फर्क का मुख्य कारण स्थानीय टैक्स, परिवहन लागत और राज्य सरकार की नीतियां हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन खर्च अधिक होने के कारण गैस के दाम थोड़ा ज्यादा रहते हैं।
उज्ज्वला योजना से करोड़ों परिवारों को फायदा
केंद्र सरकार की सब्सिडी योजना के तहत लाभार्थियों को आर्थिक सहायता दी जाती है। उपभोक्ता पहले बाजार दर पर सिलेंडर खरीदते हैं, इसके बाद सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर होती है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है ताकि ग्रामीण और शहरी गरीब परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध हो सके। सब्सिडी की राशि अंतरराष्ट्रीय कीमतों के हिसाब से तय होती है ताकि परिवारों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
घरेलू बजट पर होगा सीधा असर
कीमत घटने से परिवारों को हर महीने अच्छी-खासी बचत होगी। एक औसत परिवार महीने में 2 से 3 सिलेंडर इस्तेमाल करता है। यदि 80 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से कमी आती है तो हर महीने 150 से 200 रुपये तक की बचत संभव है। सस्ती गैस से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पारंपरिक ईंधन छोड़कर एलपीजी की ओर बढ़ेंगे। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
उपभोक्ताओं के लिए जरूरी सावधानियां
गैस की कीमतों में बदलाव को लेकर किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें। आधिकारिक जानकारी के लिए इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम की वेबसाइट पर ही भरोसा करें। गैस एजेंसी से भी अपडेट लेते रहें। यदि आधार और बैंक खाता गैस कनेक्शन से लिंक नहीं है तो तुरंत इसे पूरा करें, क्योंकि बिना लिंकिंग सब्सिडी नहीं मिलेगी। बुकिंग के समय पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग करें और डिलीवरी के समय बिल लेना न भूलें। किसी भी समस्या पर तेल कंपनियों के टोल-फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
आम लोगों के लिए बड़ी राहत
त्योहारों के सीजन में गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी आम उपभोक्ताओं के लिए एक राहत भरी खबर है। यह कदम न केवल बजट को संतुलित करेगा बल्कि स्वच्छ ईंधन के उपयोग को भी बढ़ावा देगा। आने वाले समय में अगर वैश्विक बाजार स्थिर रहा तो गैस की कीमतें और भी कम हो सकती हैं, जिससे करोड़ों परिवारों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।